जिस प्रकार भारत ने 2007 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी के अंदर साउथ अफ्रीका में आयोजित पहला टी-20 वर्ल्ड कप अपने नाम किया.ये भारतीय टीम और महेंद्र सिंह धोनी के लिए बड़ी उपलब्धि थी.2007 टी-20 विश्व कप से पहले जिस प्रकार सचिन गांगुली और द्रविड़ ने टी-20 विश्व कप में हिस्सा नहीं लिया.इस बात को देखते हुए भारतीय टीम में इस बड़े टूर्नामेंट के लिए नए खिलाडियों को आजमाया.इन खिलाडियों ने चयनकर्ताओं के फैसले को सही साबित किया और भारतीय टीम को टी-20 का विश्वविजेता बनाया.आज हम इस आर्टिकल में आपको ऐसे 2 खिलाडियों के बारे में बताएँगे.जिन्होंने अपना आखिरी टी-20 मैच एक ही टीम के खिलाफ खेला और वो उनका आखिरी टी-20 मैच साबित हुआ. सहवाग थें कप्तान - उस समय भारतीय टीम के नियमित कप्तान राहुल द्रविड़ हुआ करते थे लेकिन किसी कारणवश 1 दिसम्बर 2006 को साउथ अफ्रीका के खिलाफ हुए उस टी-20 मैच में आक्रामक ओपनर वीरेंदर सहवाग कप्तानी करते हुए दिखाई पड़े थे.सहवाग ने इस मैच को यादगार बनाते हुए पहले मैच में भारत को जीत दिलाई थी.साउथ अफ्रीका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 9 विकेट के नुकसान पर 126 रन बनाये थे.भारत ने दिनेश मोंगिय...
जिस प्रकार के खिलाड़ी रविंद्र जडेजा हैं.उन्हें देखकर ऐसा लगता है जैसे वो मैदान के किसी कोने में हो गेंद उनके हाथों में जाने को आतुर रहती है.अपनी जबरदस्त फील्डिंग के लिए इस भारतीय हरफनमौला की तारीफ विश्व के सभी क्रिकेटर करते रहते हैं.ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ़ हुयी टी-20 सीरीज में उन्हें चोट लगी थी.जिसकी वजह से जडेजा को आराम की हिदायत दी गयी थी.क्रिकेट प्रशंसक बॉक्सिंग डे टेस्ट के लिए जडेजा का बैसब्री से इंतजार कर रहे थे और जडेजा लौटे भी बिल्कुल उसी अंदाज में जडेजा ने किया हैरान - जडेजा अपने जबरदस्त क्षेत्ररक्षण से अक्सर लोगों ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करते हैं.कुछ ऐसा ही हुआ बॉक्सिंग डे टेस्ट सीरीज के पहले दिन.ऑस्ट्रेलिया के मैथ्यू वेड जबरदस्त बल्लेबाजी करते हुए दिखाई दे रहे थे लेकिन इसी दौरान पारी के 12.5 ओवर की गेंद में वो गलती कर बैठे.आश्विन की इस गेंद को वेड हवा में खेल बैठे.उस कैच को पकड़ने के लिए शायद दो भारतीय खिलाड़ियों को बीच सही समझ देखने को नहीं मिली.जिस वक़्त गिल और जडेजा कैच के पीछे भाग रहे थे तो शायद थोड़े समय के लिए वेड को भी लगा होगा की वो बच जाएंगे लेकिन शायद उन्हें ये न...
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच जिस तरह से पहला मैच संपन्न हुआ.उससे भारत को ये संकेत जरूर मिला होगा की उनकी राहें आसान नहीं होने वाली.जिस प्रकार से पहली पारी में अच्छी खासी बढ़त लेने के बाद भी भारतीय टीम ने दूसरी पारी में ऑस्ट्रलिया गेंदबाजों के सामने अपने घुटने टेक दिए.वो समझ से परे है.दोनों टीमों ने इस दौरान अच्छा खासा रिकॉर्ड अपने नाम किया. रिकॉर्ड जो बने काफी सालों बाद - दरअसल पहले टेस्ट में भले ही भारतीय टीम को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा हो लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने भी ऑस्ट्रेलिया को एक शर्मनाक रिकॉर्ड बनाने पर मजबूर कर दिया.हुआ कुछ यूँ की पहली पारी में अपना पहला रन बनाने के लिए ऑस्ट्रेलियाई टीम को 27 गेंदों का लम्बा इन्तजार करना पड़ा.जो लगभग पिछले कई सालों में नहीं हुआ था. वो भारतीय टीम ने कर दिखाया लेकिन जिस तरह दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया गेंदबाजों ने भारतीय बल्लेबाजों ने एक ऐसा रिकॉर्ड अपने नाम किया.जिसके लिए 19 दिसंबर को हमेशा याद किया जाएगा.साथ ही साथ कोहली और कंपनी को इसके लिए याद रखा जाएगा.वो रिकॉर्ड है भारतीय टीम का अपने क्रिकेट इतिहास के सबसे कम रनों पर स...
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