जब सीरीज फ्लॉप खिलाड़ी बने बड़े खिलाड़ी नाम जानकर चौक जायेंगे
दिनाँक :-06-05-2025
आज़मगढ़:-अक्सर हम देखते हैं कि हर बड़े खिलाड़ी के पीछे किसी न किसी बड़े खिलाड़ी का हाथ होता है.जैसे धोनी के ऊपर दादा का हाथ.धोनी बांग्लादेश के खिलाफ अपने पहले एकदिवसीय मैच में बिना कोई रन बनाये आउट हो गए थे लेकिन महेंद्र सिंह धोनी की प्रतिभा के बारे में शायद धोनी से ज्यादा खुद सौरव गांगुली को विश्वास था.धोनी ने उनके ऊपर गांगुली के द्वारा दिखाए गए विश्वास को सही साबित किया और पाकिस्तान के खिलाफ शतकीय पारी खेलकर अपनी बल्लेबाजी का लोहा मनवाया.कुछ ऐसा ही पूर्व भारतीय कप्तान और उपकप्तान ने दिल्ली के एक लड़के के ऊपर दिखाया और बाकी इतिहास आप सभी के सामने है.
अपनी पहली सीरीज में फ्लॉप हुए थे कोहली :-ऊपर जिस खिलाड़ी के बारे में हम आप सभी को बता रहे हैं.उनका नाम वर्तमान भारतीय रनमशीन विराट कोहली है.अब बात करते हैं कोहली की पहली टेस्ट सीरीज के बारे में.विराट कोहली ने अपने टेस्ट करियर का आगाज 2011 में वेस्टइंडीज टीम के खिलाफ किया था.तीन मैचों की इस टेस्ट सीरीज में कोहली का बल्ला नहीं चला था.इन तीन टेस्ट मैचों में कोहली ने मात्र 76 रन बनाये थे.अपनी पहली सीरीज में यदि कोई खिलाड़ी ऐसा प्रदर्शन करता है तो आप अनुमान लगाइये कि उसे वापस टीम में आने के लिए कितना कठिन प्रदर्शन करना पड़ेगा.कुछ ऐसा ही हुआ कोहली के साथ.अपनी पहली टेस्ट सीरीज में ख़राब प्रदर्शन के कारण उन्हें काफी समय के लिए टीम से हटा दिया गया था.हालाँकि अपने अच्छे प्रदर्शन के दम पर उन्होंने फिर टीम का दरवाजा खटखटाया और उन्हें टीम में शामिल तो किया गया लेकिन इस दौरान उन्हें प्लेइंग-XI में मौका नहीं मिला.
ऑस्ट्रेलिया सरजमीं पर फ्लॉप :-अपनी पहली टेस्ट सीरीज में फ्लॉप होने वाले कोहली को एक बार फिर इसी साल ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गयी भारतीय टीम में खेलने का मौका मिला लेकिन यहाँ भी पहले दो टेस्ट मैचो में जिस तरह का प्रदर्शन दुसरे भारतीय बल्लेबाजों ने किया.कहने का मतलब ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के सामने भारतीय बल्लेबाज फ्लॉप दिखे.कुछ ऐसा ही कोहली के साथ भी हुआ.अब एक बार फिर कोहली पर तलवार लटकने लगी लेकिन इस दौरान उनके समर्थन में उस समय के दो खिलाड़ी आये.
सहवाग और धोनी की बदौलत बना महान खिलाड़ी :-ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले दो टेस्ट मैचों में ख़राब प्रदर्शन के कारण एक बार फिर ये खिलाड़ी अपनी जगह गंवाने की कगार पर था लेकिन उस समय इस खिलाड़ी को कप्तान धोनी और उस समय के उपकप्तान विरेंदर सहवाग ने कोहली का पूर्ण साथ दिया और टीम मैनेजमेंट ने उन्हें टीम में बनाये रखा.जिसका परिणाम आज आप सभी के सामने है.वर्तमान समय में कोहली की गिनती विश्व के बेहतरीन बल्लेबाजों में गिना जाता है.कही न कही पूर्व कप्तान धोनी और उपकप्तान सहवाग का इसमें बड़ा योगदान रहा है.
पॉलीक्रिकक्रिकेट के अनुसार "वास्तव में भारतीय क्रिकेट का असली दौर तो दादा की कप्तानी में बना था लेकिन भारतीय टीम को जीतना धोनी की कप्तानी में सीखा.पहले भारतीय टीम किसी एक या दो खिलाड़ियों पर निर्भर रहती थी लेकिन धोनी के आने के बाद ये सोच बदली.धोनी एक कप्तान के साथ-साथ विश्व के सबसे बड़े फिनिशर भी थे."अब उम्र उनपर हावी हो रही है



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