पूर्व क्रिकेटर का बड़ा बयान खेल इनके अनुसार बदलता है
एक ऐसा खिलाड़ी जिसने भारतीय टीम के लिए नया मानदंड स्थापित किया.विपक्ष में कोई टीम हो इस बात की परवाह न करते हुए उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम को कई यादगार पल दिए.अपने इतने बड़े करियर अक्सर उन्होंने भारतीय टीम की कप्तानी की.फिर चाहे ओडीआई,टी-20 हो या टेस्ट हर मौके पर इस खिलाड़ी ने टीम को फ्रंट पर आकर संभाला.सौरव गांगुली के बाद भारतीय टीम की कप्तानी राहुल द्रविड़ को मिली.2007 के ओडीआई विश्व कप में जल्दी बाहर होने के कारण राहुल द्रविड़ ने सितम्बर महीने में कप्तानी से इस्तीफ़ा दे दिया.इसी साल भारत को टी-20 वर्ल्ड कप भी खेलना था.इस प्रतियोगिता से सचिन,सौरव और द्रविड़ ने अपना नाम वापस ले लिया था.धोनी इस टी-20 वर्ल्ड कप के लिए युवा भारतीय क्रिकेट टीम की लीड कर रहे थे.
2007 टी-20 वर्ल्ड कप के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा :-जिस तरह से युवा जोश के साथ भारतीय टीम 2007 के पहले टी-20 विश्व कप में उत्तरी.किसी को भी उम्मीद नहीं थी की महेंद्र सिंह धोनी अपनी उम्दा कप्तानी का सफर इस तरह तय करेंगे.वीरेंदर सहवाग,रोहित शर्मा,गौतम गंभीर,श्रीसंथ,जोगिन्दर शर्मा,हरभजन सिंह और आरपी सिंह के रूप में खिलाड़ी थे.फाइनल मुकाबले में जिस तरह से धोनी ने निर्णय लिया.उनके पास आखिरी ओवर में हरभजन सिंह और जोगिन्दर शर्मा में से किसी एक को चुनना था.धोनी ने हरभजन के ऊपर जोगिन्दर शर्मा को वरीयता दी.आख़िरी ओवर में चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान को जीतने के लिए 13 रनों की दरकार थी.जोगिन्दर शर्मा ने पहली गेंद वाइड फेंकी और इसके बाद भी भारत वो मैच 5 रनों से जीता.
पॉलीक्रिक के अनुसार "धोनी भारतीय टीम के लिए किसी उपहार से कम नहीं थे.उन्होंने अपने क्रिकेट के प्रति जबरदस्त समर्पण और तेज बल्लेबाजी से भारतीय टीम को काफी कुछ दिया है."धोनी ने वास्तव में भारतीय क्रिकेट टीम के प्रति लोगों के रवैये को बदला है.एक उम्दा कप्तान,बेहतरीन फिनिशर और एक बेहतरीन क्रिकेटर के लिए उन्हें भारत हमेशा याद करेगा.
2007 टी-20 वर्ल्ड कप के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा :-जिस तरह से युवा जोश के साथ भारतीय टीम 2007 के पहले टी-20 विश्व कप में उत्तरी.किसी को भी उम्मीद नहीं थी की महेंद्र सिंह धोनी अपनी उम्दा कप्तानी का सफर इस तरह तय करेंगे.वीरेंदर सहवाग,रोहित शर्मा,गौतम गंभीर,श्रीसंथ,जोगिन्दर शर्मा,हरभजन सिंह और आरपी सिंह के रूप में खिलाड़ी थे.फाइनल मुकाबले में जिस तरह से धोनी ने निर्णय लिया.उनके पास आखिरी ओवर में हरभजन सिंह और जोगिन्दर शर्मा में से किसी एक को चुनना था.धोनी ने हरभजन के ऊपर जोगिन्दर शर्मा को वरीयता दी.आख़िरी ओवर में चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान को जीतने के लिए 13 रनों की दरकार थी.जोगिन्दर शर्मा ने पहली गेंद वाइड फेंकी और इसके बाद भी भारत वो मैच 5 रनों से जीता.
खेल को अपने अनुसार चलाते हैं :-उनके बारे में पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज आशीष नेहरा का कहना है की "महेंद्र सिंह धोनी एक ऐसे खिलाड़ी है जो गेम को हमेशा अपने कण्ट्रोल में रखते हैं."परिस्थिति कैसी भी हो वो अपना आपा नहीं खोते हैं.कई क्रिकेटर जिम में जाकर मेहनत करते हैं तो दूसरी तरफ धोनी को जिम का इतना शौक नहीं है लेकिन वो फुटबॉल वगैरह खेलकर मैदान पर ही अपने आपको फिट रखते हैं.आशीष नेहरा ने कहा था की 'धोनी खेल के हिसाब से नहीं,खेल धोनी से बदलता है.'
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