जब बॉम्बे डक ने किया ऑस्ट्रेलिया को तहस-नहस

भारतीय क्रिकेट टीम के लिए ये पल बहुत यादगार पलों में से एक था.जिस तरह 2001 की ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच संपन्न हुयी टेस्ट सीरीज में भारत का प्रदर्शन था.उसके 1 साल बाद यानी 2003 में जिस तरह भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाडियों ने ऑस्ट्रेलिया सरजमीं पर टेस्ट सीरीज में परचम लहराया.वो किसी से छुपा नहीं है.इस टेस्ट में जिस प्रकार की जबरदस्त बल्लेबाजी लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ ने की.उतनी ही बेहतरीन गेंदबाजी पहली पारी में भारतीय बेहतरीन स्पिनर और दूसरी पारी में हरफनमौला खिलाड़ी ने किया. 


अजीत अगरकर का कहर -जिस प्रकार से ऑस्ट्रेलिया द्वारा दिए गए पहली पारी के लक्ष्य के करीब भारतीय टीम पहुँच गयी थी.ऐसे समय में सभी को लगा की या तो मैच ऑस्ट्रेलिया जीतेगी या तो मैच ड्रा होगा लेकिन किसी को उम्मीद नहीं थी की.आज भारत का एक जबरदस्त गेंदबाज ऑस्ट्रेलिया को तारे दिखाने वाला है.ऑस्ट्रेलिया खिलाडियों ने जिस खिलाडी को बॉम्बे डक का नाम दिया था मतलब अजीत अगरकर को.वो दिन अजीत अगरकर का दिन था.पहली पारी के हीरो रहे पोंटिंग कुछ ज्यादा कमाल नहीं दिखा सके और बिना खाता खोले लौट गए.अगरकर ने दूसरी पारी में 41 रन देकर 6 विकेट लिए और ऑस्ट्रेलिया को 196 रनों पर रोकने में मुख्य भूमिका निभाई. 


पॉलीक्रिक के अनुसार 'भारतीय टीम को जीतने के लिए 230 रनों का लक्ष्य मिला और चौथे दिन का खेल ख़त्म होने तक भारत ने एक भी विकेट नहीं गंवाया.टेस्ट के आख़िरी दिन भारत को 197 रनों की जरुरत थी.उनके सभी बल्लेबाज शेष थे.पांचवे दिन भारत ने अपने विकेट गँवाने शुरू किया.वो तो भला हो एक बार फिर लक्ष्मण और द्रविड़ का जिन्होंने 51 रनों की साझेदारी निभायी और भारत की जीत की नींव रखी.221 के योग पर लक्ष्मण आउट हो गए और राहुल द्रविड़ ने मैच जीता दिया.'

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